कारण - ठण्ड लग
जाना, पसीना रुकना, शारीरिक कमजोरी आदि।
लक्षण - इस रोग में ज्वर हो
जाता है
। साथ ही,
खाँसी भी
रहती है
जो बढ़ती रहती है। नाड़ी की
गति अनियमित, सिर-दर्द, वमन, जीभ खुश्क होना, साँस लेने में कष्ट, मृत्युभय आदि लक्षण भी
रहते हैं ।
निमोनिया
का होम्योपैथिक उपचार
• एकोनाइट 30 - 2 बूंद, ब्रायोनिया 30 -2 बूंद, सल्फर 30 -1 बूंद, शुगर ऑफ
मिल्क - 30 ग्रेन - इन
सबको मिला लें ।
यह तीन मात्रायें हैं ।
इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रायें देना लाभप्रद है
|
• लाइकोपोडियम 30 -1 बूंद, सँगुनेरिया 30 -1 बूंद, आर्सेनिक आयोड 3x - 3 ग्रेन, एक्वा - एक
औंस - इनको मिला लें ।
बदबूदार कफ
आने और
रोग की
तीव्र दशा में उपयोगी है
।
• ब्रायोनिया 30 - 2 बूंद, फॉस्फोरस 30 - 2 बूंद, एक्वा - एक
औंस - इन्हें मिला लें ।
यह एक
मात्रा है
| इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रायें दें ।
• चेलिडोनियम 30 - एक
बूंद, नैट्रम सल्फ 30 - एक
बूंद, जस्टीशिया अधाटोडा 3x - एक
बूंद, शुगर ऑफ
मिल्क - 5 ग्रेन ,यह
एक मात्रा है
। इस
प्रकार प्रतिदिन चार मात्रा देने से
न्यूमोनिया में पीला-हरा कफ
आना, जीभ पर
पीला मैल आदि लक्षणों में लाभ होता है
।
• फॉस्फोरस 30 -1 बूँद, सल्फर 30-1 बूंद, इपिकाक 30 - 2 बूंद, एण्टिम टार्ट 6x - 2 बूंद, सेनेगा Q - 4 बूंद, एक्वा-2 औंस - इन्हें मिला लें ।
ये दो
मात्रायें हैं। प्रतिदिन चार मात्रायें देने से
लाभ होता है
।
• फॉस्फोरस 3x - 1 बूंद, लाइकोपोडियम 30 - 2 बूंद, सल्फर 6 -1 बूंद, एसिटैनिलिडियम 1x - 3 ग्रेन, एण्टिम आर्स 2x - 2 ग्रेन, इपिकाक 3x - 2 बूंद, एक्वा-1 औस,
इन्हें मिला लें ।
यह एक
मात्रा है
। प्रतिदिन चार बार देने से निमोनिया के लक्षणों जैसे-खुश्की, दस्त, वमन, ज्वर, दर्द आदि में लाभ होता है।
पथ्य - रोगी को हल्का खाना दें । सामान्यत: अनार, गुनगुना दूध आदि का सेवन करायें । रोगी के कमरे में शुद्ध हवा आने दें लेकिन उसे ठण्ड से बचायें ।
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