Sunday 20 November 2016

हृदय रोग का होम्योपैथिक इलाज


हृदय रोग का  इलाज















यहाँ पर विविध हृदय-रोगों में काम आने वाले लाभकारी मिश्रणों को बताया जा रहा हैं -

● एडोनिस वर्नेलिस Q-2 बूंदक्रैटेगस ऑक्स Q-5 बूंदकॉनवेलेरिया Q-5 बूंदएक्वा-एक औंस-इन्हें मिला लें  यह एक मात्रा है ! इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रा देने से हृदय-शोथहृदय की झिल्ली में सूजनहृदय की क्रिया में गड़बड़ीहृदय की दुर्बलतानाड़ी की दुर्बलताहृदय-शूलहृदय फड़कना आदि में लाभ होता है 

● कार्बोवेज 30-1 बूंदकैटेगस ऑक्स Q-15 बूंदवेरेट्रम एल्बम 30-1 बूंदकाली फॉस 30x-5 ग्रेनएक्वा-एक औंस-इन सबको मिला लें  यह एक मात्रा है। जब रोगी का शरीर ठंडा पड़ने लगेहार्ट-फेल होने की संभावना होनाड़ी कमजोर हो जाये तो यह मिश्रण रोगानुसार बार-बार देना चाहिये 

● कैक्टस ग्रैण्डो 2x, स्ट्रोफैन्थस 4x, कैटेगस ऑक्सी 2x, कैम्फर 2x, वेलेरियाना Q, ऑरम म्यूर Q, नैट्रम सल्फ 4x-सभी को एक-एक ड्राम की मात्रा में लेकर आपस में मिला लें और एक शीशी में भरकर रख लें। इसमें से 15-15 बूंदेंआधा कप ताजा पानी में डालकर प्रतिदिन तीन बार लें  इससे-हृदय-पेशी का प्रदाहआक्रामिक असंतुलनधमनी के रोगियों की अनिद्राहृदय-गति मन्द पड़नानाड़ी और साँस अनियमितस्नायुओं का शिथिल होनाहृदय का फैल जाना में लाभ होता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों की हृदय सम्बन्धी समस्त बीमारियों में यह औषधि रामबाण है | कैफीनतम्बाकूशराब के सेवन के कारण अगर हृदय-रोग हो तो इस दवा के सेवन से संभावित खतरों से रक्षा होती है |

● अर्जुना Q, क्रेट्रेगस Q, ऐपोसाइनम कैनाबिन्म Q, पेसीफ्लोरा Q, स्पाइजिलिया Q, एकोनाइट Q, एडोनिस वी Q, कोका Q, कॉनेवेलेरिया मैंजेलिस Q, फेसियोलस Q-इन सभी को एक-एक ड्राम की मात्रा में लेकर मिलाकर रख लें  फिर इसमें से 15-15 बूंदें ताजा पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार दें। इससे-हृदय की समस्त प्रकार की कमजोरी दूर होती हैं  दिल का अव्यवस्थित रूप से धड़कनानींद  आनाहृदय की कमजोरी आदि में लाभप्रद है  यह सभी प्रकार के हृदय-रोग का जनरल टॉनिक है 

● अर्जुना Q, क्रैटेगस Q, कैक्टस जी Q, स्ट्रोफैन्थस Q, डिजीटेलिस Q - इन सभी को एक-एक ड्राम की मात्रा में लेकरमिलाकरशीशी में भरकर रख लें  इसमें से 10-10 बूंदें पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार देनी चाहिये। इससे-उच्च रक्तचापस्नायुमंडल की पुरानी बीमारी के कारण एन्जीनॉयड की शिकायतेंबेहोशीनिकोटिन के दुष्प्रभाव आदि में लाभ होता है  हृदय को बल प्रदान करता है | ऑपरेशन के पहले तथा बाद में और संक्रामक रोगों में हृदय के लिये उत्तम टॉनिक है 

● इग्नेशिया ऐमेरा 3x-1 बूंदवेरेट्रम एल्बम 6-1 बूंदकॉनवैलेरिया Q-5 बूंदकैटेगस ऑक्स Q-10 बूंदऑरम म्यूर 3x-3 ग्रेनएक्वा-एक औस-इन्हें मिला लें। यह एक मात्रा है। इस प्रकार प्रतिदिन तीन बार देने से हृदय की माँसपेशियों की कमजोरीहृदय की धड़कन तेज होनाबेहोशी के दौरेछाती पर बोझ मालूम होनाश्वास लेने में कष्टवृद्धावस्था में धमनियाँ सख्त हो जाना आदि में आराम होता है। हृदय के फैलाव में भी उपयोगी है।

● क्रेटेगस 3x, कैक्टस जी 4x, काली फॉस 4x, वेलेरियाना 3x, ऑरम म्यूर 3x - इन सभी को सम मात्रा में लेकर मिला लें  फिर इसमें से 5-5 ग्रेन प्रतिदिन तीन बार लें  इससे-कलेजा धड़कनाकलेजा कांपनाहृदय का दर्दकमजोरीहृदय-शूल होना आदि में लाभ होता है | तीव्र अवस्था में प्रत्येक एक-एक घण्टे के अन्तर से भी दवा दी जा सकती हैं 

● क्रेटेगस ऑक्सायकैन्था 1x, कैक्टस जी 1x, स्ट्रोफैन्थस 1x, एडोनिस 1x, कॉनवेलेरिया 1x - इन सभी को समान मात्रा में लेकर मिला लें  इसमें से 5-5 बूंदप्रतिदिन चार बार एक कटोरी पानी में मिलाकर दें  इससे हृदय में रह-रहकर उठने वाला दर्द जो बाएं कंधे तक जाता होअत्यधिक नाड़ी तेज चलनारक्तचाप कम होनासीने पर भारीपन रहनाहाथ-पैर ठण्डे होना आदि लक्षणों में लाभ होता हैं 

● ग्लोनाइन 30, विस्कम एल्ब 30, रोवोल्फिया सपॅन्टिना 30, वैराइटा म्यूर 30 - इन सभी को सम मात्रा में लेकरमिलाकर रख लें  इसमें से 10-10 बूंदें पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार देनी चाहिये। इससे-उच्च रक्तचापसिर-दर्दसिर  हृदय में रक्त का बहाव बढ़नाचक्कर आनाआँखों के आगे अंधेरा छानाचेहरा तमतमाना आदि में अत्यधिक लाभ होता है 

● आर्सेनिक एल्ब 8x, बेलाडोना 3x, इरियोडिक्टियन जी 12x, नैट्रम सल्फ 30x, वेरेट्रम एल्ब 30 - सभी को सममात्रा में लेकर मिलाकर रख लें। इसमें से 10-10 बूंदें प्रतिदिन तीन बार पानी में मिलाकर दें  तीव्रावस्था में एक गिलास पानी में 20 बूंदें मिलाकर इसमें से प्रत्येक 10-10 मिनट पर एक-एक चम्मच दें  इससे दमाब्रोंकाइटिसश्वास-कष्टखाँसी (जिसमें साँय-साँय की आवाज होआदि में लाभ होता है  सैंक्टमपेसिफ्लोराएवेना सैटाइवा-सभी दवायें Q (मूल अर्कमें बराबर मात्रा में लेकर मिलाकर रख लें। इसमें से 10-10 बूंदें गुनगुने पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार दें। रोग की तीव्रावस्था में जल्दी-जल्दी भी दे सकते हैं। इससे-दमाइस्नोफीलियाब्रोंकाइटिसखाँसीसाँस फूलनासाँस लेने में परेशानी आदि में लाभ होता है |


● ब्रायोनिया 200, ड्रोसेरा 200, इपिकाक 200, जस्टीशिया 200, स्ट्रामोनियम 200 - इन सभी को आधा-आधा ड्रम की मात्रा में लेकरमिलाकर रखें  इसमें से दस बूंदें ताजा पानी में मिलाकर प्रतिदिन केवल एक बार देनी चाहिये। वैसे मात्रा का निर्धारण रोगी की स्थिति के आधार पर स्वयं करना चाहिये। इससे-श्वसन-तंत्र की सर्दीजनित अवस्था और सूखी खाँसी में लाभ होता है  श्वसन-तंत्र की घुटन ठीक हो जाती हैं। कफ को दूर करके साँस लेने में आसानी होती है। बंद और भारी आवाज ठीक हों जाती है  फेफड़ों का खिचाव ठीक हो जाता है |