कारण- शरीर में पानी की कमी, खाली पेट (भूखा) रहना, पौष्टिक पदार्थों का अभाव, रक्तचाप की बीमारी, हृदय-रोग, पेट के पुराने रोग, अधिक भोग, अधिक श्रम आदि कारणों से चक्कर आते हैं |
लक्षण - रोगी को अपने चारों ओर के पदार्थ घूमते हुये प्रतीत होते हैं।
उपचार
• कॉकुलस इन्डिका 30-2 बूंद, काली ब्रोमाइड Q-3 बूंद, मैन्थापिप Q-3 बूंद, इनैन्थि क्रोकेटा Q-5 बूंद, एक्वा - आधा औंस - इन सभी को मिला लें । यह एक मात्रा है । इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रायें देने से लाभ होता है ।
• काली ब्रोमाइड Q-5 बूंद, मैन्थापिप Q-3 बूंद, मैग्नीशिया कार्ब 1x - 5 ग्रेन, कैलोमल 1x - 2 ग्रेन, एक्वा-आधा औंस - इन सभी को मिला लें । यह एक मात्रा है। इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रायें देने से लाभ होता है।
पथ्य - रोगी को पूरी नींद लेनी चाहिये । पौष्टिक पदार्थ खाने चाहिये। पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिये। कभी भी खाली पेट नहीं रहना चाहिये। भोग-विलास से दूर रहना चाहिये | मानसिक रूप से शांत रहना चाहिये ।
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